अपना बचपन हर किसी को याद होगा। इसलिए हम सब जानते हैं कि संयुक्त परिवार में शाम को अँधेरा होने पर छोटे बच्चे जब अपने स्कूल का होमवर्क खत्म करके, पार्क से खेलकर, घर आकर खाना खाने के बाद अपने दादा-दादी या नाना-नानी से कहानी सुनाने की हठ करते हैं तो नाना-नानी उन्हें तरह-तरह की कहानियाँ सुनाते थे। और ये कहानियाँ रोचक होने के साथ-साथ प्रेरक एवं शिक्षाप्रद भी होती हैं। इस पुस्तक में नाना-नानी द्वारा परंपरागत सुनी-सुनाई कहानियों का अद्भुत संकलन है। तो आइए पढ़ते हैं, नाना-नानी की कहानियाँ। साथ में देखिए सुंदर चित्र और अंत में एक प्रश्नोत्तरी भी है, जिसे हल करके आप अपनी परीक्षा खुद ले सकेंगे।